मन की बात: कोविड काल में स्वच्छ भारत मिशन के लिए पीएम मोदी ने की बल्लेबाजी, युवा सशक्तिकरण | शीर्ष बिंदु
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के नागरिकों से ‘स्वच्छ भारत’ मिशन की गति को बनाए रखने के लिए कहा, खासकर कोविड -19 महामारी के समय में।
अपने मासिक मन की बात संबोधन में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को देश के नागरिकों से ‘स्वच्छ भारत’ मिशन की गति को बनाए रखने के लिए कहा, खासकर कोविड -19 महामारी के समय में।
पीएम मोदी ने कहा कि देश में 62 करोड़ से अधिक वैक्सीन की खुराक दी गई है, लेकिन लोगों को अभी भी सावधान और सतर्क रहने की जरूरत है।
पीएम मोदी ने भी देश के युवाओं की सराहना करते हुए कहा कि उनकी मानसिकता बदल गई है और वे कुछ नया और बड़े पैमाने पर करना चाहते हैं.
यहां पीएम मोदी के मन की बात संबोधन के शीर्ष उद्धरण दिए गए हैं
* हम सभी जानते हैं कि आज मेजर ध्यानचंद जी की जयंती है। और हमारा देश उनकी याद में इसे राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में भी मनाता है। ध्यानचंद जी ने भारत के हॉकी कौशल को दुनिया में लोकप्रिय बनाया।
*हर मेडल खास होता है। जब भारत ने टोक्यो ओलंपिक में हॉकी में पदक जीता तो पूरे देश ने जश्न मनाया। यह देखकर मेजर ध्यानचंद जी कितने प्रसन्न होते।
*घर हो या कहीं और, गाँवों में या शहरों में, हमारे खेल के मैदान अवश्य भरे जाएँ। सब खेलने दो सब खिलने दो! और मुझे यकीन है कि आपको याद होगा कि मैंने लाल किले से क्या कहा था, “सबका प्रयास” हाँ सामूहिक प्रयास।
*आज ऐसा नहीं है कि युवा सिर्फ खेल देख रहे हैं, युवा भी खेल से जुड़ी संभावनाओं को देख रहे हैं, पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को बारीकी से देख रहे हैं और इसकी क्षमता को समझ रहे हैं।
* जब विश्व के लोग आज भारतीय आध्यात्मिक प्रणालियों और दर्शन पर ध्यान देते हैं, तो इन महान परंपराओं को आगे बढ़ाने की हमारी भी जिम्मेदारी है।
*हमारी संस्कृत भाषा मधुर है और सरल भी। अपने विचारों और साहित्यिक ग्रंथों के माध्यम से संस्कृत ज्ञान को पोषित करने में मदद करती है और राष्ट्रीय एकता को भी मजबूत करती है।
*इंदौर की जनता ने अपने शहर को ‘वाटर प्लस सिटी’ बनाने का संकल्प लिया है। हमारे देश में ‘वाटर प्लस’ शहरों की संख्या के साथ स्वच्छता में सुधार होगा।
*भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि की उत्पत्ति के पीछे रचनात्मक शक्ति का प्रतीक माना जाता है। जो कोई भी अपने कौशल से किसी वस्तु का निर्माण करता है..नवाचार करता है… चाहे वह सिलाई-कढ़ाई हो, सॉफ्टवेयर हो या सैटेलाइट, यह सब भगवान विश्वकर्मा की अभिव्यक्ति है।
* देश में 62 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं, लेकिन फिर भी हमें सावधान रहना है, सतर्क रहना है।
STORY BY -: indiatoday.in
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